गुरु सरीखा देव म्हारे मन भावे भजन लिरिक्स

गुरु सरीखा देव,
म्हारे मन भावे,
सदा मन भावे।।



इला पिगला ओर सुखमणा ने ध्यावे,

सुखमणा ध्यावे,
त्रिवेणी रे बीच जीव ठहरावे,
गुरु सरीखा देंव,
म्हारे मन भावे,
सदा मन भावे।।



ऐड़े संतों री सहज म्हारे मन भावे,

अड़ा आनंद रे बीच,
जीव ठहरावे,
गुरु सरीखा देंव,
म्हारे मन भावे,
सदा मन भावे।।



देव दानव री बात गुरुजी बतावे,

तीन लोक रे माय,
देव औलखावे,
गुरु सरीखा देंव,
म्हारे मन भावे,
सदा मन भावे।।



सतगुरू शरणे जाय हरि गुण गावे,

सिमरथ शरणे जाय,
मानुस तन पावे,
गुरु सरीखा देंव,
म्हारे मन भावे,
सदा मन भावे।।



गुरु सरीखा देव,

म्हारे मन भावे,
सदा मन भावे।।

प्रेषक – बाल गायक चंद्र प्रकाश वैष्णव
9929734796


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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