गुरु गम का सागर तमने लाख लाख वंदन लिरिक्स

गुरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन,
ऐ लाख लाख वंदन तमने,
कोटि कोटि वंदन,
गुंरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन।।



अज्ञान जीवडो गुरु जी,

चरणों में आयो,
ज्ञान को दीपक गुरुजी,
जलाई दीजो़,
गुंरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन।।



लख हो चौरसी में जिवड़ो,

भटकि रे आयो,
अबकी चौरासी गुरुजी,
छुड़ाई हो दी जो,
गुंरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन।।



डूबते डूबते हो गुरु जी,

आपने बचाया,
अब को जीवन हो गुरुजी,
सवारी हो दिजो,
गुंरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन।।



इना हो सेवक की गुरुजी,

अरज गुसाईं,
आवागमन का बंधन,
छुड़ाई हो दिजो,
गुंरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन।।



गुरु गम का सागर,

तमने लाख लाख वंदन,
ऐ लाख लाख वंदन तमने,
कोटि कोटि वंदन,
गुंरु गम का सागर,
तमने लाख लाख वंदन।।

गायक – प्रहलाद सिंह जी टिपानिया।
प्रेषक – राधेश्याम खांट
8120141128


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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