गौरा ने घोट कर पीस कर छान कर भजन लिरिक्स

गौरा ने घोट कर,
पीस कर छान कर,
शिव को भंगिया पिलाई,
मजा आ गया,
छोड़ कैलाश को,
पहुंचे शमशान में,
गांजे की दम लगायी,
मजा आ गया।।

तर्ज – रश्के कमर।



जब नशा भांग,

गांजे का चढ़ने लगा,
भोला नचने लगे,
डमरू बजने लगा,
जल चुकी थी चिताएं,
जो शमशान में,
उनकी भस्मी रमाई,
मजा आ गया।।



बदी फागुन चतुर्दश,

तिथी आई है,
शिव से गौरा मिलन,
की घड़ी आई है,
शिवजी दूल्हा बने,
गौरा दुल्हन बनी,
ऐसी शादी रचाई,
मजा आ गया।।



भोला धनवान है,

न तो कंगाल है,
शिव महादेव हैं,
शिव महाकाल है,
शिव के चरणों में हम,
आ गये हैं ‘पदम्’,
राह मुक्ति की पाई,
मजा आ गया।।



गौरा ने घोट कर,

पीस कर छान कर,
शिव को भंगिया पिलाई,
मजा आ गया,
छोड़ कैलाश को,
पहुंचे शमशान में,
गांजे की दम लगायी,
मजा आ गया।।

गायक – मुकेश कुमार जी।
लेखक / प्रेषक – डालचन्द कुशवाह ‘पदम्’।
9993786852


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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