गोपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोपाल सूना सूना।।
दोहा – याद में तेरी कृष्ण मुरारी,
जोगन हो गई राधा प्यारी,
ढूंढ रही पनघट पे तुमको,
रो रो कर है सखियाँ सारी,
सूना गोकुल सूना मधुबन,
और सूना सूना है वृन्दावन,
गईयां तेरी बिलख रही है,
याद में तेरी मनमोहन।
गोपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोपाल सूना सूना।।
सूनी है ब्रज की कलियां,
सूना है कुञ्ज सारा,
सूनी कदम्ब की डाली,
सूना चमन है सारा,
यमुना का पथ है सूना,
सूनी है जल की धारा,
गोंपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोंपाल सूना सूना।।
सूनी है दिल की धड़कन,
बिछड़ा जो श्याम प्यारा,
रोती है सारी सखियाँ,
बंसी ने ऐसा मारा,
राधा तेरी सिसकती,
बहती है अश्रु धारा,
गोंपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोंपाल सूना सूना।।
उद्धव मना के लाओ,
जरा श्याम सांवरे को,
कहना ना चैन आता,
बिन श्याम जानकी को,
हमें श्याम से मिला दो,
अहसान हो तुम्हारा,
गोंपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोपाल सूना सूना।।
भगवान से जुड़ा है,
‘नंदू’ का ऐसा नाता,
तेरी ज्योत के सहारे,
लिखता भजन है गाता,
दो प्रीत श्याम मुझको,
‘लख्खा’ बने तुम्हारा,
गोंपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोंपाल सूना सूना।।
गोपाल सूना सूना,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
आ जाओ आ भी जाओ,
तुझ बिन ये ब्रज है सारा,
गोंपाल सूना सूना।।
स्वर – लख्खा जी।
लेखक – नंदू जी।