गिरिवर उठाने वाले बृज को बचाने वाले लिरिक्स

गिरिवर उठाने वाले,
बृज को बचाने वाले,
आ जाओ मेरे मोहन,
सृष्टि चलाने वाले।।

तर्ज़ – दिल में तुझे बिठा के।



भगतों के हितकारी मोहन,

माँ यशोदा के प्यारे,
जीवन नैया फंसी भंवर में,
इसके बनो सहारे,
द्रोपदी की सुन पुकारें,
साड़ी बढ़ाने वाले,
आ जाओ मेरे मोहन,
सृष्टि चलाने वाले।।



बृज मंडल पर इंद्रदेव ने,

जब प्रकोप बढ़ाया,
आंधी वर्षा और तूफान से,
बृज में भय फैलाया,
ऊंगली पे गिरी को लेकर,
इन्द्र को झुकाने वाले,
आ जाओ मेरे मोहन,
सृष्टि चलाने वाले।।



मनमोहक है रूप मनोहर,

जो देखे हो मतवारा,
मुखमंडल का तेज़ है ऐसा,
जग रौशन है सारा,
दर्शन की भीख दे दो,
सुन्दर से नैनों वाले,
आ जाओ मेरे मोहन,
सृष्टि चलाने वाले।।



‘श्याम’ की अभिलाषा है मोहन,

कृपा आपकी पाऊं,
मनमंदिर में आप बिराजो,
नित नित दर्शन पाऊं,
गाकर रिझाऊं तुमको,
मोहन मुरलिया वाले,
आ जाओ मेरे मोहन,
सृष्टि चलाने वाले।।



गिरिवर उठाने वाले,

बृज को बचाने वाले,
आ जाओ मेरे मोहन,
सृष्टि चलाने वाले।।

स्वर – घनश्याम मिढ़ा भिवानी।
संपर्क – 9034121523


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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