घर की शान बेटियां पिता का मान बेटियां लिरिक्स

घर की शान बेटियां,
पिता का मान बेटियां।

सदियो से में तरस रहा था,
जिसका था इंतजार,
इस जनम में आकर मिला,
मुझे बेटियो का प्यार,
वो घर की शान बेटिया,
पिता का मान बेटियां।।

तर्ज – स्वर्ग से सूंदर सपनो से।



रोशन है जिससे मेरे,

घर का हर कोना,
दुनिया की दौलत है ये,
यही चांदी सोना,
संकट में ये साथ निभाती,
हो चाहे मजबूर,
वो घर की शान बेटिया,
पिता का मान बेटियां।।



और क्या मैं मांगु भगवन,

इतना दिया है,
दो दो बेटियों से दामन,
मेरा भर दिया है,
‘गायत्री’ गम मेरे भुलाकर,
‘अनन्या’ करती प्यार,
वो घर की शान बेटिया,
पिता का मान बेटियां।।



सदियो से में तरस रहा था,

जिसका था इंतजार,
इस जनम में आकर मिला,
मुझे बेटियो का प्यार,
वो घर की शान बेटियां,
पिता का मान बेटियां।।

गायक – विक्की डि पारेख मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र. मो.9907023365।


Previous articleजैन धर्म हमे प्राणों से भी प्यारा है भजन लिरिक्स
Next articleमहफ़िल लगी है श्याम आये है सब रिझाने भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here