घनश्याम कृपा करके एक अर्ज मेरी सुन लो भजन लिरिक्स

घनश्याम कृपा करके,
एक अर्ज मेरी सुन लो,
बन जाऊं मैं दास तेरा,
यह प्रीत अमर कर दो,
घनश्याम कृपा कर के,
एक अर्ज मेरी सुन लो।।

तर्ज – होंठों से छु लो।



ना धन का हो लालच,

ना मोह का हो बंधन,
ना धन का हो लालच,
ना मोह का हो बंधन,
बस गाऊं भजन तेरे,
मेरे भजन अमर कर दो,
घनश्याम कृपा कर के,
एक अर्ज मेरी सुन लो।।



तुम दया के सागर हो,

प्रभु मुझ पर दया करो,
तुम दया के सागर हो,
प्रभु मुझ पर दया करो,
जो पाप किये मैंने,
घनश्याम वो पाप हरो,
घनश्याम कृपा कर के,
एक अर्ज मेरी सुन लो।।



मैं दर्शन का प्यासा,

प्रभु दरश दिखा जाओ,
मैं दर्शन का प्यासा,
प्रभु दरश दिखा जाओ,
बंशी को बजा मोहन,
मेरे मन में समा जाओ,
घनश्याम कृपा कर के,
एक अर्ज मेरी सुन लो।।



घनश्याम कृपा करके,

एक अर्ज मेरी सुन लो,
बन जाऊं मैं दास तेरा,
यह प्रीत अमर कर दो,
घनश्याम कृपा कर के,
एक अर्ज मेरी सुन लो।।

स्वर – मुकेश कुमार जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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