घड़ी रे पलक नहीं आवडे,
तुम दर्शन बिन मोय।
दोहा – कान्हा थे भले आवजो,
शरद पुनम री रेण,
बिन घडी नहीं आवडे,
मारा बिलखा लागे नेन।
घड़ी रे पलक नहीं आवडे,
तुम दर्शन बिन मोय,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय,
थे हो मारा प्राण प्यारा कान्हा,
थे हो मारा प्राण प्यारा कान्हा,
अरे मिलनो किन विद होय रे,
सावरिया मारा,
मिलनो किन विद होय,
घडी रे पलक नहीं आवडे,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय।।
अरे नीन्दरा नी आवे कान्हा,
अरे नींद सतावे कान्हा,
अरे अन्न नहीं भावे कान्हा,
अरे नीन्दरा नी आवे कान्हा,
ऊबी ऊबी करू रे पुकार,
रे सावरिया मारा,
ए ऊबी ऊबी करू रे पुकार,
अरे घायल मृग ज्यु फिरू गुमु रे कान्हा,
घायल मृग ज्यु फिरू गुमु रे कान्हा,
दर्द न जाने कोई सावरिया मारा,
दर्द न जाने कोई,
घडी रे पलक नहीं आवडे,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय।।
अरे जे मे एडा जानती सावरिया,
जे मे एडा जानती सावरिया,
अरे प्रीत किया दुख होई,
रे बनवारी मारा,
प्रीत किया दुख होय,
ए नगर डिन्डोरो मे पीटती,
सावरिया मारा ओ बनवारी मारा,
प्रीत मत करजो कोई,
रे बनवारी मारा,
प्रीत मत करजो कोई,
घडी रे पलक नहीं आवडे,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय।।
ए नगर निवारू कान्हा,
पंथ बुहारू कान्हा,
नगर निवारू कान्हा,
पंथ बुहारू कान्हा,
ऊबी ऊबी बाटा जोवु रे सावरिया मारा,
ऊबी ऊबी बाटा जोवु,
मीरा बाई केवे कदी थे मिलोला,
मीरा बाई केवे कदी थे मिलोला,
अरे आप मिल्या सुख होय रे सावरिया मारा,
आप मिल्या सुख होय,
घडी रे पलक नहीं आवडे,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय।।
घड़ी रे पलक नहीं आवडे,
तुम दर्शन बिन मोय,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय,
थे हो मारा प्राण प्यारा कान्हा,
थे हो मारा प्राण प्यारा कान्हा,
अरे मिलनो किन विद होय रे,
सावरिया मारा,
मिलनो किन विद होय,
घडी रे पलक नहीं आवडे,
रे सावरिया मारा,
तुम दर्शन बिन मोय।।
गायक – शंकर टाक जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818