घड़ी दम का करले विचारा,
संसार काल रा चारा।।
सुण लेना बाबुल भाई,
ए मतलब रा लोग लुगाई,
ए भीड़ पड़या होवे न्यारा,
संसार काल रा चारा।।
वीरा धन जोबन और माया,
ज्यूँ बादलिया री छाया,
धूप पड़या गल जाना रे,
संसार काल रा चारा।।
कहे तुलसी जपले माला,
खुल जाई भरम रा ताला,
मेरा राम बड़ा है रुखाला रे,
संसार काल रा चारा।।
घड़ी दम का करले विचारा,
संसार काल रा चारा।।
स्वर – रामनिवास जी राव।
प्रेषक – दिनेश महाराज नारनाड़ी।
9887907146