गेरी गेरी रांजी में श्रीयादे पुकारें,
डुबी नैया पार लगावो म्हारा राम।।
नाम लेता नारायण सिंहासन डुलग्यो,
आमर बिजली चाले म्हारी मात।।
भूत भपुलियां आवे ओ आंधियां,
फागुण का बायरा बाजे म्हारा राम।।
मोर पपियां बोले वो डुंगर में,
साय करो नारायण जीव मर जाय।।
देखो देखो देवी माया अजब अनौखी,
श्रीया देवी घट में भायो भगवान।।
कुम्हार कुम्हारी हरि ने चितारे,
आवड़ा मुं जीव ऊबारे म्हारा राम।।
श्रीयादे का बोल ने सांवरो निभावे,
‘रतन’ यो भजन उगावे म्हारा राम।।
गेरी गेरी रांजी में श्रीयादे पुकारें,
डुबी नैया पार लगावो म्हारा राम।।
गायक व रचना – पं. रतनलाल प्रजापति।