गणपति के गुण गाते चलो,
विघ्न सभी टल जायेंगे,
पहले इन्हें मनाते चलो,
विघ्न सभी टल जायेंगे।।
सबसे पहले शुभ कर्मों में,
इनको जगत पूजे सारा,
काज सफल हो जाए सभी का,
नाम जो ले इनका प्यारा,
दुखड़े अपने सुनाते चलो,
विघ्न सभी टल जायेंगे।।
शिव सुत ये गौरी के नंदन,
रिद्धि सिद्धि के ये दाता है,
खुल जाए तकदीर सभी की,
ये सबके भाग्य विधाता है,
मन में इन्हीं को बिठाते चलो,
विघ्न सभी टल जायेंगे।।
गणपति के गुण गाते चलो,
विघ्न सभी टल जायेंगे,
पहले इन्हें मनाते चलो,
विघ्न सभी टल जायेंगे।।
गीत रचना एवं गायन – मनोज कुमार खरे।