गणपति गजानंदा रिद्धि सिद्धि प्रदाता है भजन लिरिक्स

गणपति गजानंदा,
रिद्धि सिद्धि प्रदाता है,
कलयुग में देवा तुम्ही,
बल बुद्धि के दाता है,
गणपति गजानन्दा।।

तर्ज – बाबुल का ये घर।



गौरा माँ के लाल तुम्ही,

शिव जी के प्यारे हो,
नंदी भृंगी शिव गण के,
राज दुलारे हो,
हर कोई देवा तुम्हे,
हाँ हर कोई देवा तुम्हे,
सांचे मन से मनाता है,
गणपति गजानन्दा,
रिद्धि सिद्धि प्रदाता है,
गणपति गजानन्दा।।



देवों ने वरदान दिया,

प्रथम हो पूजा तेरी,
रहूं तेरे चरणों में,
देवा ये ईच्छा मेरी,
गजरूप तेरा देवा,
हाँ गजरूप तेरा देवा,
भक्तों को सुहाता है,
गणपति गजानन्दा,
रिद्धि सिद्धि प्रदाता है,
गणपति गजानन्दा।।



मोदक चढ़ाऊँ तुम्हे,

सिंदूर अर्पण करूँ,
भक्ति में तेरी देवा,
तन मन अपना रंगु,
भरते हो झोली उसकी,
भरते हो झोली उसकी,
तेरे दर पे जो आया है,
गणपति गजानन्दा,
रिद्धि सिद्धि प्रदाता है,
गणपति गजानन्दा।।



गणपति गजानंदा,

रिद्धि सिद्धि प्रदाता है,
कलयुग में देवा तुम्ही,
बल बुद्धि के दाता है,
गणपति गजानन्दा।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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