गणपत रिद्धिया सिद्धिया लाइजो जी देसी गणेश वंदना

गणपत रिद्धिया सिद्धिया,
लाइजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।।



गऊ गोबर से आंगणो लिपावा,

ऊँची दिरावा गादी,
मोतिया जड़ीयो पाट पीताम्बर,
बैठो आप जो गादी,
गणपत अगवाणी बिराजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।
गणपति रिद्धिया सिद्धिया,
लाइजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।।



घी शक्कर दही शहद मिलावा,

दुधा करा संपाडो़,
कंकु केसर फुल चढावा,
दुधा गाय दुहाडो़,
थे रूस रूस भोग लगावो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।
गणपति रिद्धिया सिद्धिया,
लाइजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।।



सिदुंरिया आंगी पर सोहे,

गले गुलाब की माला,
शीश मुकुट कुडंलिया काना,
पीताम्बर दुशाला,
आँगण पगलिया थे मडंवाजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।
गणपति रिद्धिया सिद्धिया,
लाइजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।।



दुदांला सुडांला गजानंद,

विघ्न विनाशक देवा,
सुर तैतीसा आगंले,
थाकी प्रथम सेवा,
भगति भैरव ने भर दिजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।
गणपति रिद्धिया सिद्धिया,
लाइजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।।



गणपत रिद्धिया सिद्धिया,

लाइजो जी,
भगता के घर आज गजानंद,
बेगा आइजो जी।।

गायक – जगदीश वैष्णव जी।
प्रेषक – लहरी लाल मोयणा।
9057243272


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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