गजानंद बेगा आओ साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ भजन लिरिक्स

आओ गजानंद प्यारा,
बेगा पधारो गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानंद बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ।।

तर्ज – ओ लाल मेरी पत रखियो।



शुभ लाभ थे सबने बांटों,

भंडारा में थाके काहे को घाटों,
सबसे पहले थाने मनावा गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ।।



महिमा निराली देवा थाकि गजानंद,

रिद्धि सिद्धि पति पूर्ण ब्रम्हानंद,
मोदक को थे भोग लगाओ गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ।।



माता पिता छे थाका गौरी शंकर,

जा का गला में सोहे नाग भयंकर,
गंगा जा के सर पे विराजे गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ।।



आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानंद बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ।।

स्वर – सुरभि चतुर्वेदी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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