सुनी तो उचट गयी निंदिया हमारी कृष्ण भजन

सुनी तो उचट गयी निंदिया हमारी,
गजब की है ये बांसुरी जदुगारी,
सितम की है ये बांसुरी जदुगारी।।



मधुर नींद टूटी मधुर बैन सुनकर,

कहाँ से मंगाई मुरलिया ये चुनकर,
निकाला कलेजा वो बांके बिहारी,
गजब की है ये बांसुरी जदुगारी,
सितम की है ये बांसुरी जदुगारी।।



कहाँ पर मिलोगे किधर श्याम जाँऊ,

लगी अपने दिल की कहाँ पर बुझाऊँ,
कसक कालजे में लगी है करारी,
गजब की है ये बांसुरी जदुगारी,
सितम की है ये बांसुरी जदुगारी।।



तुम्हे श्याम बहादुर में कहता रहूंगा,

तेरी बेवफाई को सहता रहूंगा,
पता है कि शिव है वो छलिया मदारी,
गजब की है ये बांसुरी जदुगारी,
सितम की है ये बांसुरी जदुगारी।।



सुनी तो उचट गयी निंदिया हमारी,

गजब की है ये बांसुरी जदुगारी,
सितम की है ये बांसुरी जदुगारी।।

सिंगर – दीपक मूंदड़ा।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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