गाड़ी वाले मने बिठाले,
एक बार गाड़ी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
नरसीजी यूँ कहने लागे,
भाई गाडी मेरी पुरानी,
वो बोल्या मैं ठीक करू,
ना मेरे ते कुछ छानी,
ना मेरे ते कुछ छानी,
खाती मेरी जात भगत,
क्रिसना मेरो नाम,
भगत मैं हार लिया
गाड़ी वालें मने बिठाले,
एक बार गाडी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
गाड़ी लगे सुधार हरी और,
लेई हाथ में आरी,
नरसीजी की टूटी गाडी,
हरी ने तुरत सुधारी,
हरी ने तुरत सुधारी,
वो बोलै मैं भजन सुना दूंगा,
ना मेरे पैसे दाम,
भगत मैं हार लिया
गाड़ी वालें मने बिठाले,
एक बार गाडी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
सोला साधु बैठा लिए,
वे हरी की फेरे माला,
गाडी पवन समान चली,
हरी खुद बन गया गड़वाला,
हरी खुद बन गया गड़वाला,
कही रखवाला कही गड़वाला,
ओ आप बने भगवान,
भगत मैं हार लिया
गाड़ी वालें मने बिठाले,
एक बार गाडी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
श्री कृष्ण ने हाथ लगाया,
जब बैलो में बल सा आया,
थोड़ी देर में नरसी भक्त को,
सिरसा गढ़ में था पहुंचाया,
सिरसा गढ़ में था पहुंचाया,
बोल्या मैं जाता हूँ भगत,
अब मने जरुरी काम,
भगत मैं हार लिया
गाड़ी वालें मने बिठाले,
एक बार गाडी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
कही पे छलिया कहि गड़वाला,
कही पे मुरली वाला,
जैसे नरसी भक्त बने वो,
आ गया नन्द का लाला,
क्रिसना खाती चाल पड्या,
कर भक्तो को परणाम,
भगत मैं हार लिया
गाड़ी वालें मने बिठाले,
एक बार गाडी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
गाड़ी वाले मने बिठाले,
एक बार गाड़ी थाम,
भगत मैं हार लिया।।
बहुत ही सुन्दर