फागुन का मेला है खाटू को जाना है भजन लिरिक्स

फागुन का मेला है,
खाटू को जाना है,
हाथों में बाबा का,
निशान उठाना है,
निशान उठाकर बाबा का,
जयकार लगाना है।।

तर्ज – क्या खूब लगती।



फागुन का उत्सव न्यारा, हाँ न्यारा,

खेले होली श्याम के संग,
जग सारा,
नीले-पिले लाल-गुलाबी,
रंग लगाना है,
रंग लगाकर साँवरिये को,
अपना बनाना है,
फागुन का मेला हैं,
खाटू को जाना है।।



मेरा श्याम बड़ा ही प्यारा, हाँ प्यारा,

उसको तारा जो है,
क़िस्मत का मारा,
श्याम धनी को आज किसी ने,
खूब सजाया है,
खूब सजाया है बाबा को,
बनड़ा बनाया है,
फागुन का मेला हैं,
खाटू को जाना है।।



जब श्याम ध्वजा लहराये, लहराये,

होले होले ये श्याम का,
जोश चढ़ाए,
जयकारा करते-करते,
बढ़ते ही जाना है,
बढ़ते-बढ़ते श्याम के,
रंग मे रंगते जाना है,
फागुन का मेला हैं,
खाटू को जाना है।।



बाबा ने हमको बुलाया, हाँ बुलाया,

आजा प्यारे मिलने का,
समय है आया,
खाटू को जैसे सजाया है,
बाबा को सजाना है,
‘कुणाल’ की ये विनती है,
श्याम हमें गले लगाना है,
फागुन का मेला हैं,
खाटू को जाना है।।



फागुन का मेला है,

खाटू को जाना है,
हाथों में बाबा का,
निशान उठाना है,
निशान उठाकर बाबा का,
जयकार लगाना है।।

Singer / Upload – Kunal Bathwal
8709464218


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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