एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ।
(तर्ज :- एक तमन्ना जीवन की मैँ … फि॰ आँखेँ)
एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ।
मेरी लगन कम न होगी चाहे कितने ही कष्ट पाऊँ।
बाबा दर पे तेरे आऊँ, हर पल तेरे गुण गाऊँ॥
एक तमन्ना … बाबा दर … मैँ भटका जीवन सागर मेँ बजंरग तुझको भुलाया।
जब सूझा नहीँ किनारा तो मुझे ध्यान तेरा आया॥
अब शरण तेरी आया, करो बाबा सिर पे छाया,
एहसान तुम्हारा हनुमत जन्म जन्म न भुला पाऊँ॥१॥
एक तमन्ना … बाबा दर …
(तर्ज :- एक तमन्ना जीवन की मैँ … फि॰ आँखेँ)
एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ।
मेरी लगन कम न होगी चाहे कितने ही कष्ट पाऊँ।
बाबा दर पे तेरे आऊँ, हर पल तेरे गुण गाऊँ॥
एक तमन्ना … बाबा दर … मैँ भटका जीवन सागर मेँ बजंरग तुझको भुलाया।
जब सूझा नहीँ किनारा तो मुझे ध्यान तेरा आया॥
अब शरण तेरी आया, करो बाबा सिर पे छाया,
एहसान तुम्हारा हनुमत जन्म जन्म न भुला पाऊँ॥१॥
एक तमन्ना … बाबा दर …
मैँ हूँ अनाथ तुम दीनानाथ हे सालासर वाले।
तेरा सानी ना जग मेँ हैँ तेरे खेल निराले॥
तेरी जो एक नजर हो जाये, तो जिन्दगी संवर जाये,
तेरे सिवा नहीँ कोई हमारा जाकर के किसे सुनाऊँ॥२॥
एक तमन्ना … बाबा दर …
लेकर परिवार अपना मैँ सालासर मेँ आऊँगा।
घृत, सिन्दूर, नारियल की बाबा के भेँट चढ़ाऊँगा॥
लाल ध्वजा दर पे चढ़ायेँ, बाबा की जैकार लगायेँ,
लड्डू पेड़ा खीर चूरमा का तुमको भोग लगाऊँ॥३॥
एक तमन्ना … बाबा दर …
सुधि सबकी लेने वाले ‘खेदड़’ की भी खबर ले ले।
धन माल नहीँ चाहते हम बस भक्ति अपनी दे दे॥
एक बार हमपे नजर डालो, दास अपना हमेँ बनालो,
बनके सेवक चरणोँ का दर पे तेरे रह जाऊँ॥४॥
एक तमन्ना … बाबा दर …
एक तमन्ना जीवन की मैँ दर्शन तेरे पा जाऊँ।
मेरी लगन कम न होगी चाहे कितने ही कष्ट पाऊँ।
बाबा दर पे तेरे आऊँ, हर पल तेरे गुण गाऊँ॥
एक तमन्ना … “by pkhedar”