दुनिया भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली,
भजन करंता लाज मरे रे,
धमकत खेले होली,
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली।।
दूध पताशा ने ले बम्बी पर,
नाग पुजवा जावे,
जय गोगा जी घर में आवे,
तो सोटा सूं घमकावे,
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली।।
बेन भाणजी घर में आवे,
रुखा फलका खावे,
साली सलाई ने न्यूत बुलावे,
रसगुल्ला मचकावे,
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली।।
माँ बाप मांचे में पड़िया,
मुखड़े ना बतलावे,
साळा जी रो माथो दुखियो,
दौड़या दौड़या जावे,
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली।।
मालिक जग में एक है रे,
झगड़ा न्यारा न्यारा,
कहे कबीर सुणो भाई साधो,
किस विध होव निस्तारा,
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली।।
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली,
भजन करंता लाज मरे रे,
धमकत खेले होली,
दुनियाँ भोली रे भोली,
हरदम करे ठिठोली।।
स्वर – राजकुमार जी स्वामी।
प्रेषक – सुभाष काकड़ा मदन पुष्करणा।
9024909170
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