दुनिया बदल दी मेरी,
दुनियाँ बदल दी मेरी,
जलवा दिखा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी।।
मैं कौन था कहाँ था,
कोई जानता नहीं था,
कोई मुसीबतो में,
पहचानता नहीं था,
अपना बना के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी,
जलवा दिखा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी।।
सुनते अरज हो मेरी,
महसूस कर रहा हूँ,
हमपे निगाह तेरी,
महसूस कर रहा हूँ,
रहमत लुटा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी,
जलवा दिखा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी।।
ये साँवरे का जादू,
सर चढ़ के बोलता है,
ये श्याम नाम मन में,
अमृत सा घोलता है,
जादू चला के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी,
जलवा दिखा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी।।
‘गंभीर’ महिमा तेरी,
ऐसे ही नहीं गाता,
जब जब भी नाव अटकी,
भव पार तू लगाता,
किस्मत जगा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी,
जलवा दिखा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी।।
दुनिया बदल दी मेरी,
दुनियाँ बदल दी मेरी,
जलवा दिखा के तूने,
दुनियाँ बदल दी मेरी।।
स्वर – संजय मित्तल जी।