दिल की ये बात अपनी,
सबसे कहेंगे, सबसे कहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी।।
चिंता नहीं है भवसागर तरण की,
सागर तरण की,
प्रेम सरोवर की धारा में बहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी,
सबसे कहेंगे, सबसे कहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी।।
किसी को है बल तन का,
किसी को है बल धन का,
किसी को है बल धन का,
श्यामा श्याम नाम धन,
पाते रहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी,
सबसे कहेंगे, सबसे कहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी।।
जैसे भी है अब हम है,
तुम्हारी शरण में,
तुम्हारी शरण में,
‘चित्र-विचित्र’ को,
स्वीकार करेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी,
सबसे कहेंगे, सबसे कहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी।।
दिल की ये बात अपनी,
सबसे कहेंगे, सबसे कहेंगे,
हम तो बिहारी जी के,
हम तो किशोरी जू के,
बनके रहेंगे,
दिल की यें बात अपनी।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र महाराज जी।