दिल की आंख उघाड़ अब तू जाग रे जिया

दिल की आंख उघाड़,
अब तू जाग रे जिया,
अब तू जाग रे जिया,
तेरे दिल की आंख उघाड,
अब तू जाग रे जिया।।



पाप किया तू आगे भारी,

दु:ख सुख भुगते तू बीमारी,
भोगे पुन्य पाप तेरा,
पहलडा़ किया तेरा,
पहलडा़ किया,
अब तू जाग रे जिया।।



रसना से तू नाम लिया कर,

हाथों से कुछ दान किया कर,
संग चले पुन्य पाप तेरा,
हाथ का किया,
तेरा हाथ का किया,
अब तू जाग रे जिया।।



इतनी मन तेरे क्यूँ बेईमानी,

भूल गयो तू सारंग पाणी,
एक पल बैठ प्रभु का,
नाम ना लिया,

प्रभु का नाम ना लिया,
अब तू जाग रे जिया।।



अब मनवा उल्टा मत खेलो,

राम मिले वो रस्ता ले लो,
मन में धार विचार,
रट लो राम सिया,

रट लो राम सिया,
अब तू जाग रे जिया।।



कहाँ गए तेरे बाप बडेरा,

कहाँ गए संग साथी तेरा,
करे नहीं सोच विचार,
क्यूँ तेरा फूट गया हिया,
क्यूँ तेरा फूट गया हिया,
अब तू जाग रे जिया।।



रट ले रे तू अन्तर्यामी,

शिक्षा देवे मोहन स्वामी,
रटयो नहीं हरि नाम सुधा रस,
क्यूँ ना पीया,
अब तू जाग रे जिया।।



दिल की आंख उघाड़,

अब तू जाग रे जिया,
अब तू जाग रे जिया,
तेरे दिल की आंख उघाड,
अब तू जाग रे जिया।।

स्वर – पूज्य संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
Upload by – Keshav


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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