धीमा हालो म्हारा साँवरिया,
म्हारे पगल्या में बाजे पायलिया।।
आगे आगे राम चलत है,
पीछे लक्ष्मण देवरिया,
धीमे हालों म्हारा सांवरिया,
म्हारे पगल्या में बाजे पायलिया।।
सावन बरस भादवो गरजे,
गहरी गहरी चमके बिजलिया,
धीमे हालों म्हारा सांवरिया,
म्हारे पगल्या में बाजे पायलिया।।
दादुर मोर पपैया बोले,
मीठी मीठी बोले कोयलिया,
धीमे हालों म्हारा सांवरिया,
म्हारे पगल्या में बाजे पायलिया।।
रावण मार राम घर आये,
तुलसीदास जस गावणीया,
धीमे हालों म्हारा सांवरिया,
म्हारे पगल्या में बाजे पायलिया।।
धीमा हालो म्हारा साँवरिया,
म्हारे पगल्या में बाजे पायलिया।।
प्रेषक – दिनेश महाराज नारनाड़ी।
9887907146