ढाई अक्षर श्याम नाम का,
करता बेडा पार है,
इस कलयुग में खाटू वाले,
तेरा ही आधार है,
ढाईं अक्षर श्याम नाम का।।
कृष्ण को अपना शीश दान दे,
माँ का वचन निभाया है,
श्याम नाम देकर माधव ने,
घर घर में पुजवाया है,
कलयुग का है देव ये सच्चा,
लीले का असवार है,
इस कलयुग में खाटू वाले,
तेरा ही आधार है,
ढाईं अक्षर श्याम नाम का।।
निर्धन को धन निर्बल को बल,
देता मेरा श्याम है,
सबसे सुन्दर सबसे न्यारा,
अपना खाटू धाम है,
लख लख कर देता भक्तों को,
ऐसा लखदातार है,
इस कलयुग में खाटू वाले,
तेरा ही आधार है,
ढाईं अक्षर श्याम नाम का।।
दो आंसू का मोल यहाँ पर,
आडम्बर बेकार है,
दीन हीन के खातिर बाबा,
रहता सदा तैयार है,
कहे ‘करिश्मा’ सब भक्तों से,
बाबा करता प्यार है,
इस कलयुग में खाटू वाले,
तेरा ही आधार है,
Bhajan Diary,
ढाईं अक्षर श्याम नाम का।।
ढाई अक्षर श्याम नाम का,
करता बेडा पार है,
इस कलयुग में खाटू वाले,
तेरा ही आधार है,
ढाईं अक्षर श्याम नाम का।।
स्वर – करिश्मा जी चावला।