देवो के देव गणपति,
को पहले मनाना है,
रिद्धि-सिद्धि संग दाता,
तुझे कीर्तन में आना है।।
तर्ज – बाबुल का यह घर।
रूणीचै के रामदेवजी,
सालासर के हनुमानजी,
खाटू वाले श्याम बाबा,
तुझे लीले चढ़ आना है,
देवों के देव गणपति,
को पहले मनाना है।।
सीता संग रामजी को,
राधा संग श्यामजी को,
अंजनिसुत हनुमान को,
कीर्तन में नचाना है,
देवों के देव गणपति,
को पहले मनाना है।।
गोरा संग भोले को,
लक्ष्मी संग नारायण को,
ब्रम्हा संग शारदे को,
कीर्तन में लाना है,
देवों के देव गणपति,
को पहले मनाना है।।
झुंझणु राणी सती माता,
देशनोक की करणी माता,
कहे “केशव” दुर्गा मैया,
तुझे सिंह चढ़े आना है,
देवों के देव गणपति,
को पहले मनाना है।।
देवो के देव गणपति,
को पहले मनाना है,
रिद्धि-सिद्धि संग दाता,
तुझे कीर्तन में आना है।।
– भजन लेखक व गायक –
मनीष शर्मा “मोनु”
जोरहाट (आसाम)
9854429898