देखो सूरज की किरणे बिखरने लगी,
तर्ज – जिसके सपने हमें रोज आते रहे।
देखो सूरज की किरणे बिखरने लगी,
रंग भरने लगी,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई,
भीड़ भक्तो की आई माँ तेरे द्वार पर,
सबपे उपकार कर,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई।।
देखो चलने लगी ठंडी पुरवाई माँ,
तेरे द्वारे बजी मीठी शहनाई माँ,
साथ में ढोल भी माँ बजने लगे,
क्यों ना माँ तू जगे,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई,
भीड़ भक्तो की आई माँ तेरे द्वार पर,
सबपे उपकार कर,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई।।
भोरें गाने लगे खिल गई हर कली,
इक खुशबु सी है हर तरफ संदली,
फूल चुन चुन के मालन लाने लगी,
दर सजाने लगी,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई,
भीड़ भक्तो की आई माँ तेरे द्वार पर,
सबपे उपकार कर,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई।।
जागे किस्मत मेरी जो तू खोले नयन,
लगी भक्तो को तेरे दरश की लगन,
खोलो अंखिया ओ मईया विनती करूँ,
चरणों को चुम लूँ,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई,
भीड़ भक्तो की आई माँ तेरे द्वार पर,
सबपे उपकार कर,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई।।
देखों सूरज की किरणे बिखरने लगी,
रंग भरने लगी,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई,
भीड़ भक्तो की आई माँ तेरे द्वार पर,
सबपे उपकार कर,
जागो जागो भवानी सुबह हो गई।।