देख लिया दुनिया का नजारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd।
तर्ज – और इस दिल में।
झूठी है दुनिया झूठी है प्रीती,
झूठे है रिश्ते झूठी है रीती,
झूठा है जग का सारा फ़साना,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd।
दो दिन के नातों को नाता कहे क्या,
दो दिन के भाई को भ्राता कहे क्या,
इक दिन हो जाना है सबसे नियारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd।
क्या बनके लोगे राजा और रानी,
क्या बनके लोगे सेठ और सेठानी,
प्रभु के चरण में है स्वर्णिम नज़ारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd।
देख लिया दुनिया का नजारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd।
गायक – संगीत पाण्डेय।
Bahut aachcha laga