गाऊं गाथा मैं ऐसे,
उन जवानों के लिए,
दे दी अपनी कुर्बानी,
हिंदुस्तान के लिए।।
तर्ज – दिल दीवाने का।
सीने पर गोली खाए,
और सर को नही झुकाए,
अपने प्राणों को देकर,
भारत का शान का बढ़ाए,
श्रद्धा और सुमन समर्पित,
उन जवान के लिए,
दे दी अपनी क़ुरबानी,
हिंदुस्तान के लिए।।
नवधा भक्ति के अलावा,
दसवी है देश की भक्ति,
नवधा भक्ति के बराबर,
बस केवल देश की भक्ति,
सोचे जो देश के हित में,
वो है प्यार के लिए,
दे दी अपनी क़ुरबानी,
हिंदुस्तान के लिए।।
उन गद्दारों मिलकर,
अब हम सब मार भगाए,
जो वन्दे मातरम बोले,
बस वो ही रहने पाए,
भारत में नही ठिकाना,
बेईमान के लिए,
दे दी अपनी क़ुरबानी,
हिंदुस्तान के लिए।।
आजाद भगत चंद्रशेखर,
है आज भी पैदा होते,
निज स्वार्थ त्याग कर केवल,
भारत की रक्षा करते,
‘रवि’ लिखकर गाए गाना,
हिंदुस्तान के लिए,
दे दी अपनी क़ुरबानी,
हिंदुस्तान के लिए।।
गाऊं गाथा मैं ऐसे,
उन जवानों के लिए,
दे दी अपनी कुर्बानी,
हिंदुस्तान के लिए।।
Singer – Ravi Shankar Aacharya Ji
8318645050
https://youtu.be/Omt2JaeqV8U