दाता बजरंगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना,
चरणों में खुशियों का खजाना,
सर को झुकाए सारा जमाना,
दाता बजरंगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना।।
तर्ज – तेरे मेरे बिच में कैसा है।
बालाजी की है लीला निराली,
भरते सदा ही सबकी,
ये झोली खाली,
दर से कोई खाली गया ना,
सर को झुकाए सारा जमाना,
दाता बजरँगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना।।
बिगड़ी बनाए सबकी,
विपदा को टाले,
बिगड़ा नसीबा दाता,
पल में सँवारे,
कोई देर होती वहां ना,
कोई देर होती वहां ना,
सर को झुकाए सारा जमाना,
दाता बजरँगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना।।
निर्बल को शक्ति मिलती,
निर्धन को माया,
अन्धो को ज्योति मिलती,
कोढ़िन को काया,
मिलता अनाथो को ठिकाना,
सर को झुकाए सारा जमाना,
दाता बजरँगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना।।
दाता बजरँगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना,
चरणों में खुशियों का खजाना,
सर को झुकाए सारा जमाना,
दाता बजरँगी तेरे,
चरणों में खुशियों का खजाना।।