दर्शन दिखादे मेरे श्याम,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम,
बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम।।
तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार।
लाखो की नैया,
बन के खिवैया तूने,
पार लगाई,
मेरी भी नाव डोले,
खाए हिचकोले,
मेरे श्याम कन्हाई,
छूटे सहारे है तमाम,
छूटे सहारे है तमाम,
बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम।।
कब से पुकारूँ,
बाट निहारूं मेरी,
बिगड़ी बना दे,
भटका हूँ दर दर,
आया तेरे दर पे मैं,
राह दिखा दे,
गिरते हुए को तु ही थाम,
गिरते हुए को तु ही थाम,
बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम।।
‘बिन्नू’ की विनती,
करीयो न गिनती मेरी,
गलती की स्वामी,
क्या मैं बताऊँ,
क्या मैं छिपाऊँ,
तुमसे अन्तर्यामी,
अपना बना ले घनश्याम,
अपना बना ले घनश्याम,
बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम।।
दर्शन दिखादे मेरे श्याम,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम,
बाबा आन पड़ा हूँ तेरे द्वार पे,
दर्शन दिखादे मेरे श्याम।।
‘अनुज कुमार मीना’
द्वारा प्रेषित।