डाली बाई ऋषियों री लड़की,
नूगरा नहीं पिछाणी रे,
वा नूगरा रो मूडो कालो,
नरका रा हितकारी रे।।
भृगु रिसी ने कपट रचायो,
पारो काल निकाली ले,
ले पारो दरखत मेलियो,
जद होईया बाई डाली,
डाली बाई ऋषियो री लडकी,
नूगरा नहीं पिछाणी रे,
वा नूगरा रो मूडो कालो,
नरका रा हितकारी रे।।
रामदे विरमदे गमन सिधाऐ,
हो घोडे असवारी,
दरखत पर ईक लाद्यो पिजरो,
माह मिली बाई डाली,
डाली बाई ऋषियो री लडकी,
नूगरा नहीं पिछाणी रे,
वा नूगरा रो मूडो कालो,
नरका रा हितकारी रे।।
कवै रामदे सुणो विरम दे,
कन्या मिली कूवारी,
आ कन्या रिखिया ने सोपो,
नाम धराओ डाली,
डाली बाई ऋषियो री लडकी,
नूगरा नहीं पिछाणी रे,
वा नूगरा रो मूडो कालो,
नरका रा हितकारी रे।।
रामदे विरम दे रा चारे बाछडा,
भगती कमाई बडी भारी,
हरी चरणे भाटी हरजी बोलिया,
घर अजमल अवतारी,
डाली बाई ऋषियो री लडकी,
नूगरा नहीं पिछाणी रे,
वा नूगरा रो मूडो कालो,
नरका रा हितकारी रे।।
डाली बाई ऋषियों री लड़की,
नूगरा नहीं पिछाणी रे,
वा नूगरा रो मूडो कालो,
नरका रा हितकारी रे।।
गायक – रणजीत जोईया।
प्रेषक – गोविन्द राजपूत।
7889038248