तेरा ध्यान हम तो धरे,
गुरुवर दिल से याद करे,
म्हाने दर्श दिखा जा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रे,
हे भरतपुर का राजा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रें।।
तर्ज – म्हारा खाटु का राजा रे।
थारे दर्शन री लागी म्हाने प्यास,
गुरुवर भक्ता ने बस थारी आस,
आकर नेंणा में समाजा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रें,
हे भरतपुर का राजा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रें।।
था बिन आवे न एक पल चेन,
‘दिलबर’ याद करे दिन रेन,
म्हाने धीर बँधा जा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रें,
हे भरतपुर का राजा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रें।।
तेरा ध्यान हम तो धरे,
गुरुवर दिल से याद करे,
म्हाने दर्श दिखा जा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रे,
हे भरतपुर का राजा रे,
दादा बेगो बेगो आजा रें।।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
9907023365