मोसे मेरा श्याम रूठा,
काहे मोरा भाग फूटा,
काहे मैंने पाप ढोए,
अंसुवन बीज बोए,
छुप छुप मीरा रोए,
दर्द ना जाने कोए,
मोसे मेरा श्याम रूठा।।
जय श्याम राधेश्याम राधेश्याम,
जय श्याम राधेश्याम राधेश्याम।
मैं ना जानूं, तू ही जाने,
जो भी करूँ मैं, मन ना माने,
पीड़ा मन की, तू जो ना समझे,
क्या समझेंगे लोग बेगाने,
काँटों की सेज सोहे,
छुप छुप मीरा रोए,
दर्द ना जाने कोए,
मोसे मेरा श्याम रूठा।।
विष का प्याला, पीना पड़ा है,
मरकर भी मोहे, जीना पड़ा है,
नैन मिलाए, क्या गिरधर से,
गिर गई जो, अपनी ही नज़र से,
रो रो नैना खोए,
छुप छुप मीरा रोए,
दर्द ना जाने कोए,
मोसे मेरा श्याम रूठा।।
मोसे मेरा श्याम रूठा,
काहे मोरा भाग फूटा,
काहे मैंने पाप ढोए,
अंसुवन बीज बोए,
छुप छुप मीरा रोए,
दर्द ना जाने कोए,
मोसे मेरा श्याम रूठा।।
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,
राधा रमण हरि गोपाल बोलो,
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो,
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो।
– भजन प्रेषक –
आशुतोष त्रिवेदी।
7869697758