छोटे से टूटे से इस घर में आये है बालाजी,
देख लो आके जग वालो अंजनी लाला जी,
अपने हाथ भोग लगाऊं बालाजी,
रूखा सूखा जो है खिलाऊ बालाजी,
मेरे मन के मंदिर में तू है बालाजी,
सोच मुझे पागल ये दुनिया है हँसी।
जय बाला कर दया हे बाला।।
तर्ज – छोटी सी नन्ही सी प्यारी सी।
पूजा जानू ना साधना जानू ना,
कैसे तेरा सत्कार में करूँ,
जी ये चाहे है तुझको बिठा के आज,
अपने हाथो ये श्रृंगार में करूँ,
देख तुझे सामने होश खो सा जाए,
क्या करूँ क्या नहीं मन समझ ना पाय,
तू जो कहे आज मुझसे में करूँ वही,
सोच मुझे पागल ये दुनिया है हँसी।
जय बाला कर दया हे बाला।।
पायी कभी ना माँ की ममता,
जो थे अपने मुख मोड़ वो चले,
मेने तुझे ही अपना माना है,
टूट जाऊँ जो छोड़ तू चले,
मुझे तेरा प्यार हरेक रूप में मिले,
जीवन की धुप और छाव में मिले,
तेरे सिवा मेरा कोई और है नही,
सोच मुझे पागल ये दुनिया है हँसी।
जय बाला कर दया हे बाला।।
छोटे से टूटे से इस घर में आये है बालाजी,
देख लो आके जग वालो अंजनी लाल जी,
अपने हाथ भोग लगाऊं बालाजी,
रूखा सूखा जो है खिलाऊ बालाजी,
मेरे मन के मंदिर में तू है बालाजी,
सोच मुझे पागल ये दुनिया है हँसी।
जय बाला कर दया हे बाला।।