चंदा छुप जा रे बादल में म्हारो राम गयो वनवास लिरिक्स

राम गयो वनवास,
म्हारो लखन गयो वनवास,
चंदा छुप जा रे,
चंदा छुप जा रे,
चंदा छुप जा रे बादल में,
म्हारो राम गयो वनवास।।



राम बिना मारी सुनी अयोध्या,

लखन बिना ठकुराई,
सीता बिना म्हारी सुनो रसोई,
कौन करे चतुराई,
चंदा छुप जा रे बादल मे,
म्हारो राम गयो वनवास।।



आगे आगे राम चलत है,

पीछे लक्ष्मण भाई,
बीच बीच मे चलत जानकी,
शोभा वरणी न जाई,
चंदा छुप जा रे बादल मे,
म्हारो राम गयो वनवास।।



सावन बरस भादवो बरसे,

पवन चले पुरवाई,
वॄक्ष के निचे तीनो भीगे,
राम लखन सीता माई,
चंदा छुप जा रे बादल मे,
म्हारो राम गयो वनवास।।



रावण मार राम घर आये,

घर घर बटत बधाई,
मात कौसल्या करत आरती,
तुलसीदास जस गाई,
चंदा छुप जा रे बादल मे,
म्हारो राम गयो वनवास।।



राम गयो वनवास,

म्हारो लखन गयो वनवास,
चंदा छुप जा रे,
चंदा छुप जा रे,
चंदा छुप जा रे बादल में,
म्हारो राम गयो वनवास।।

स्वर- मोइनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – पुखराज पटेल (बांटा गुड़ामालानी)
9784417723


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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