चलणा खांडा वाली धार रेहणा मालिक वाली लार लिरिक्स

चलणा खांडा वाली धार,
रेहणा मालिक वाली लार,
ये मारग तो दोरा गणा हों जी।।



अणी काया में समन्द तलाव,

भरीया हीलोला ले रीया हों जी,
चलणा खाण्डा वाली धार,
रेहणा मालिक वाली लार,
ये मारग तो दोरा गणा हों जी।।



अणी काया में हीरा वाली हाट,

होदा करें सोदागरी हो जी,
चलणा खाण्डा वाली धार,
रेहणा मालिक वाली लार,
ये मारग तो दोरा गणा हों जी।।



रण भारत में हो रही राड़,

वना शीश रा सुरा लडे रे हो जी,
चलणा खाण्डा वाली धार,
रेहणा मालिक वाली लार,
ये मारग तो दोरा गणा हों जी।।



माली लकमोजी लिखे परवाण,

भवानी नाथ हीरदे भाया रे हो जी
चलणा खाण्डा वाली धार,
रेहणा मालिक वाली लार,
ये मारग तो दोरा गणा हों जी।।



चलणा खांडा वाली धार,

रेहणा मालिक वाली लार,
ये मारग तो दोरा गणा हों जी।।

गायक / प्रेषक – जगदीश चन्द्र जटिया।
उदयपुर, मोबाइल 9950647154


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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