चले चलो भाई चले चलो,
महाकाल के द्वार,
बम बम भोले का नारा लगाओ,
खोल किस्मत के वो द्वार,
चले चलो भाई चले चलो,
चले चलो भाई चले चलो।।
अब के सावन,
शिव की नगरी जाना है,
गंगा जल की कावड़,
संग ले जाना है,
गंगाजल से गंगाधर को,
अब स्नान कराना है,
चले चलो भाई चले चलो,
चले चलो भाई चले चलो।।
उज्जैन नगरी,
पावन है शिप्रा के किनार,
महाकाल है ओघड़ दानी,
भरते भक्तों के भंडार,
हरसिद्धि मैया के दर्शन,
करके हो जाओ रे निहाल,
चले चलो भाई चले चलो,
चले चलो भाई चले चलो।।
मेरे बाबा महाकाल की,
सूरत कितनी प्यारी है,
शीशे पर चंदा जटा में गंगा,
बाबा तो त्रिपुरारी है,
कानों में कुंडल गले भुजंगा,
शोभा कितनी न्यारी है,
चले चलो भाई चले चलो,
चले चलो भाई चले चलो।।
चले चलो भाई चले चलो,
महाकाल के द्वार,
बम बम भोले का नारा लगाओ,
खोल किस्मत के वो द्वार,
चले चलो भाई चले चलो,
चले चलो भाई चले चलो।।
गायक – धर्मेंद्र राजपूत।
7049440533