चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा,
चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा,
तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा,
खुशियो का उपहार मन माना पाएगा,
चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा ।।
(तर्ज : दिल का सूना साज )
मत फिरना बेकार जगत में,
माया के जंजालो में,
बीत रहे दिन व्यर्थ तुम्हारे,
पल पल क्षण क्षण सालो में
नर तन क्या हर बार दीवाना पाएगा,
चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा,
तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा,
खुशियो का उपहार मन माना पाएगा।।
करले सुमिरन प्रेम लगन से,
शिव शंकर वरदानी का,
नाम ज़रा तू जपले मन से,
भोले औघड़ दानी का,
मुक्ति का तू द्वार मस्ताना पाएगा,
चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा,
तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा,
खुशियो का उपहार मन माना पाएगा।।
ठोकर खाते है दुनिया में,
वोही मूरख प्राणी है,
शिव चरनो को छोड़ के शर्मा,
करते जो मनमानी है,
उनको ये संसार समझा ना पाएगा,
चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा,
तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा,
खुशियो का उपहार मन माना पाएगा।।
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा,
तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा,
खुशियो का उपहार मन माना पाएगा।।