चाहूँ न मै प्रभू माल खजाना गुरुदेव भजन लिरिक्स

चाहूँ न मै प्रभू माल खजाना,
बस मुझको इतना बतलाना,
भव कैसे मै तरूँगा,
भव कैसे मै तरूँगा।।

तर्ज – चाहूँगा मै तुझे साँझ सवेरे।



दानी नही ध्यानी नही,

मूरख हूँ मै ज्ञानी नही,
दाता मेरे गुरू सरकार पार,
भव कैसे मै करूँगा,
चाहूँ न मै प्रभू माल खजाना।।



आया न कभी दर पे तेरे,

गठरी लदी सर पे मेरे,
दाता मेरे गुरू सरकार पार,
भव कैसे मै करूँगा,
चाहूँ न मै प्रभू माल खजाना।।



नैया फँसी भँवर मे मेरी,

अर्जी यही चरणो मे मेरी,
दाता मेरे गुरू सरकार पार,
भव कैसे मै करूँगा,
चाहूँ न मै प्रभू माल खजाना।।



चाहूँ न मै प्रभू माल खजाना,

बस मुझको इतना बतलाना,
भव कैसे मै तरूँगा,
भव कैसे मै तरूँगा।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो उपलब्ध नहीं।


 

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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