चाहे मन में कैसी उलझन हो बोलो ॐ अर्हम लिरिक्स

चाहे मन में कैसी उलझन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम,
जीवन में कैसी अड़चन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।।



अर्हम अविनाशी है,

अविचल अविकारी है,
महिमा अचिन्त्य इसकी,
अहम सुखकारी है,
शुभ चिंतन अर्हम का,
तेरे मन का अहम नाशे,
सिद्धों से मेल करे,
अहम उपकारी है,
निर्मल अहम से जीवन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।।



सोते उठते जगते,

अर्हम का ध्यान धरो,
अर्हम की तरंगों से,
तुम निज का ज्ञान करो,
हर प्राणी के घट में,
अर्हम ही अर्हम है,
है शुद्ध सिद्ध अर्हम;
इसकी पहचान करो,
जीवन अर्हम को अर्पण हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।।



चाहे मन में कैसी उलझन हो,

बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम,
जीवन में कैसी अड़चन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।।

Lyrics, Composition & Sung By –
Dr. Rajeev Jain 8136086301


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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