विनोद अग्रवाल भजन

Vinod Agrawal Bhajan Lyrics

छुपे बैठे हो कण कण मे भला मे केसे पहचानु भजन लिरिक्स

छुपे बैठे हो कण कण मे भला मे केसे पहचानु भजन लिरिक्स

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छुपे बैठे हो कण कण मे, भला मैं कैसे पहचानु, दुई का दूर कर पर्दा, सामने आओ तो जानु।। तर्ज - जगत के रंग। छुपे माया...
​अगर प्यार तेरे से पाया ना होता भजन लिरिक्स

​अगर प्यार तेरे से पाया ना होता भजन लिरिक्स

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​अगर प्यार तेरे से पाया ना होता, तुझे श्याम अपना बनाया ना होता।। ना होती तमन्ना हि, तेरे मिलन की, अगर मेरे मन को तु, भाया ना...
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