राजस्थानी भजन

Rajasthani Bhajan Lyrics

बीरा दो दिन को मेहमान आखिर जाना पड़ेला रे

बीरा दो दिन को मेहमान आखिर जाना पड़ेला रे

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बीरा दो दिन को मेहमान, आखिर जाना पड़ेला रे।। दुर्लभ जन्म अमोलक भाय, कर कुछ पुरुषार्थ चित लाय, क्यों तन को देख रहा इतराय, जो माटी माय सडेला रे, बीरा...
भया मैं सतगुरु का बंदा कट्या भ्रम जाल का फंदा लिरिक्स

भया मैं सतगुरु का बंदा कट्या भ्रम जाल का फंदा लिरिक्स

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भया मैं सतगुरु का बंदा, दोहा - सेवक कुंभ कुम्हार गुरु, गढ़ गढ़ खाडे खोट, रज्जब अंदर रक्षा करें, बाहर मारे चोट। हलवाई की हाट तज, मां की कहीं न...
कई पंखा ढुला रियो छाया में रामजी ने भूल गयो माया में

कई पंखा ढुला रियो छाया में रामजी ने भूल गयो माया में

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कई पंखा ढुला रियो छाया में, रामजी ने भूल गयो माया में।। कलंग कामणी को रस थु भोग्यो, विषय वासना में आन्दो होग्यो, जु सांड जरूखे भाया गाया...
बेरी तू राम भजेलो कब रे देसी भजन लिरिक्स

बेरी तू राम भजेलो कब रे देसी भजन लिरिक्स

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बेरी तू राम भजेलो कब रे, दोहा - गोरे गोरे तन पे तू, बावरे गुमान करे, रंग सो पतंग तेरे, कल उड़ जाएगो। धुए के सो धन तेरो, जाते ही...
सुआ बोल राम की वाणी भजन लिरिक्स

सुआ बोल राम की वाणी भजन लिरिक्स

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सुआ बोल राम की वाणी, दोहा - कुंजर मद मस्त मरे तो मारिए, कामनी कनक कलेश टले तो टालिए, हरि भजन सून है पले तो पालिए, अरे हाँ...
राम भजन करले रे म्हारा मनवा भजन लिरिक्स

राम भजन करले रे म्हारा मनवा भजन लिरिक्स

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राम भजन करले रे म्हारा मनवा, दोहा - लोभ सदा जिनके धन को जन, सो निश्वासर दाम भजे, भोग इच्छा प्रकटे मन में तब, होय दुःखी मन बाम...
सतगुरु शरण गयो सुख पायो भजन लिरिक्स

सतगुरु शरण गयो सुख पायो भजन लिरिक्स

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सतगुरु शरण गयो सुख पायो, दोहा - कहे दास सगराम, गुरु की महिमा भारी, कीकर वरणी जाय, जीब धुजे रे मारी। धुजे मारी जीबड़ी, सुन सुन यश रा ठाठ, किनका अब...
कागज मंड गयो रे कर्मा को अब तेरो कैसे मिटे दुखड़ों लिरिक्स

कागज मंड गयो रे कर्मा को अब तेरो कैसे मिटे दुखड़ों लिरिक्स

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कागज मंड गयो रे कर्मा को, दोहा - तारा की ज्योति में चंद्र छिपे ना, सूर्य छिपे ना बादल छाया, रण चड़िया रजपूत छिपे ना, दातार छिपे ना...
प्रितम पायो रे काया में आत्म अजर अमर भरतार लिरिक्स

प्रितम पायो रे काया में आत्म अजर अमर भरतार लिरिक्स

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प्रितम पायो रे काया में, दोहा - पूरण भेंट लिया गुरु पूरण, पूरण बोध भया अज मोई, पूरण की पहचान भई तब, पूरण से मिल पूरण होई। पूरण है...
भजन कर नर स्वांसों की काया अचानक देगी धोखा रे लिरिक्स

भजन कर नर स्वांसों की काया अचानक देगी धोखा रे लिरिक्स

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भजन कर नर स्वांसों की, दोहा - उपकार बडो निज धर्म कहे, तन से मन से धन से कर रे, धन संग चले परमार्थ को, नित खूब कमा...
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