राजस्थानी भजन

Rajasthani Bhajan Lyrics

भक्ति रो दान म्हाने देवजो मारवाड़ी देसी भजन लिरिक्स

भक्ति रो दान म्हाने देवजो मारवाड़ी देसी भजन लिरिक्स

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भक्ति रो दान म्हाने देवजो, गुरु देवो रा देवा रे, जन्म धार बिछडु नहीं, करू चरणों री सेवा रे, भक्ति रो दान दाता देवजो।। सबरे सुखा...
गुरासा शरण आपरी आया भजन लिरिक्स

गुरासा शरण आपरी आया भजन लिरिक्स

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गुरासा शरण आपरी आया, शरणों में आया, बहुत सुख पाया, मिट गया जमड़ा रा दाया, गुरासा शरण आपरी आया।। ओ मन म्हारो...
जबान जैसी प्यारी जगत में भजन लिरिक्स

जबान जैसी प्यारी जगत में भजन लिरिक्स

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जबान जैसी प्यारी जगत में, जबान जैसी खारी क्या, मानुस तन पायो म्हारा मनवा, जीती बाजी हारी क्या, जबान जैसी प्यारी जगत मे, जबान जैसी खारी क्या।। राजा...
कईया भुली बेमाता म्हारी लिखणा ये भजन लिरिक्स

कईया भुली बेमाता म्हारी लिखणा ये भजन लिरिक्स

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कईया भुली बेमाता म्हारी लिखणा ये, दोहा - समय बड़ा बलवान है, नही पुरूष बलवान, भीलन लुटी गोपिका, वही अर्जुन वही बाण।। कईया भुली बेमाता म्हारी लिखणा...
सबसे पहले थने मनावा भगतो के रखवाले भजन लिरिक्स

सबसे पहले थने मनावा भगतो के रखवाले भजन लिरिक्स

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सबसे पहले थने मनावा, भगतो के रखवाले, आज सभा में लाज बचा ले, मोहन मुरली वाले।। नामा सुदामा सेन भगत ने, हरदम फेरी माला, मोरध्वज...
बाबूजी मेरा टिकिट क्यो लेता देसी भजन लिरिक्स

बाबूजी मेरा टिकिट क्यो लेता देसी भजन लिरिक्स

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म्हारो खर्चा मालिक पूरे, मैं वाका नाम पर रेता, बाबूजी मेरा टिकिट क्यो लेता, मेरा टिकिट क्यो लेता।। तीन गुणा का डिब्बा बणाया, मन का इंजन जोता,...
राम थारी नगरी में काई घाटो भजन लिरिक्स

राम थारी नगरी में काई घाटो भजन लिरिक्स

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राम थारी नगरी में काई घाटो, कर्म अनुसार मिले है बाँटो, भगवान थारी नगरी में काई घाटो, कर्म अनुसार मिले है बाँटो।। कोई न मिले है लाडु पेडा, कोई...
भजन बिना कोई नहीं जागे रे राजस्थानी भजन लिरिक्स

भजन बिना कोई नहीं जागे रे राजस्थानी भजन लिरिक्स

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भजन बिना कोई नहीं जागे रे, थारा जनम जनम का पाप करेड़ा, किण विध भागे रे, भजन बिना कोई नहीं जागे रे।। संता की संगत करि कोनी...
रंग मत डारे रे साँवरिया राजस्थानी भजन लिरिक्स

रंग मत डारे रे साँवरिया राजस्थानी भजन लिरिक्स

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‍दोहा - मुरली वाले मोहना, तेरी मुरली रेण बजाय, इन मुरली में मारो मन बश्यो, काना एक बारी और बजाय, प्रीत ना कर पंछी जैसी, जो जळ सुख्या...
हरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो लिरिक्स

हरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो लिरिक्स

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हरे घास री रोटी ही, जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो, नन्हो सो अमर्यो चीख पड्यो, राणा रो सोयो दुख जाग्यो।। हूँ लड्यो घणो हूँ सह्यो घणो, मेवाड़ी...
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