प्रकाश माली भजन

Prakash Mali Bhajan Lyrics

चालो म्हारी रेल भवानी ओ संतो रे हालो देश लिरिक्स

चालो म्हारी रेल भवानी ओ संतो रे हालो देश लिरिक्स

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चालो म्हारी रेल भवानी ओ, संतो रे हालो देश। दोहा - संत मिल्या इतना टले, काल जाल जमजोट, शिश निवाया गिर पडे, लख पापो री ओट। चालो म्हारी रेल भवानी...
भेरू भदेश्वर काला गोरा आसरो थारो है भेरू नखरालो है

भेरू भदेश्वर काला गोरा आसरो थारो है भेरू नखरालो है

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भेरू भदेश्वर काला गोरा, करे सकल सिद्ध काज, आसरो थारो है भेरू नखरालो है, आसरो थारो है भेरू नखरालो है।। अरे काला गोरा भेरू बाबा, लागो मतवाला बाबा, लागो मतवाला, भगता...
जय जय जालन्धर नाथ आपने बार बार बलिहारी

जय जय जालन्धर नाथ आपने बार बार बलिहारी

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जय जय जालन्धर नाथ आपने, बार बार बलिहारी, महिमा है जग में भारी, महिमा है जग में भारी।। कनकाचल पर्वत मन्दिर थारो, शोभा जग सु न्यारी, कनकाचल पर्वत मन्दिर थारो, शोभा...
ढोला रा बाजे ढमकार सिरे मिन्दर चालो रे

ढोला रा बाजे ढमकार सिरे मिन्दर चालो रे

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ढोला रा बाजे ढमकार, सिरे मिन्दर चालो रे, लागो गुरू रो दरबार, सिरे मिन्दर चालो रे।। भंवर गुफा री महिमा भारी, भंवर गुफा री महिमा भारी, जटे तपीया योगी तपधारी, जान...
थे मोटा दातार रामदेव सारो जग बिख्यारी हैं रामदेवजी भजन

थे मोटा दातार रामदेव सारो जग बिख्यारी हैं रामदेवजी भजन

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थे मोटा दातार रामदेव, सारो जग बिख्यारी हैं, हाथ जोडकर धणीया थाने, चरना अरज ऊजारी है, जय हो बाबा जय हो बाबा, जय हो रामा धणी, म्हारी आस पूरा दे, बाबा...
पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा रे भजन लिरिक्स

पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा रे भजन लिरिक्स

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पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा ओ, पेड पकडने चढ म्हारा बीरा ओ, जमको ने तू मती झेले ए, सत्य वचन री डोर पकड़ ले, सत्य वचन री डोर...
आन बान मर्यादा राखन जीवन बनगो जंग रे

आन बान मर्यादा राखन जीवन बनगो जंग रे

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आन बान मर्यादा राखन, जीवन बनगो जंग रे, आन बान मर्यादा राखन, जीवन बनगो जंग रे, सांगा के सौ घाव शरीरा, आभूषण ज्यु अंग रे, हाथ कट्यो कद पाव कट्यो...
ए आयी तपते मझ दोपार पन्ना की माता

ए आयी तपते मझ दोपार पन्ना की माता

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ए आयी तपते मझ दोपार, पन्ना की माता पन्ना की माता, करे गुजरी गढ के द्वार, अरज अन्नदाता, ए राणा उठीया जठ संग्राम, बाई ने बुलावो बाई ने बुलावो, जावो...
बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु पातर पटरानी पद पाई

बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु पातर पटरानी पद पाई

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बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु, दोहा - १५३५ मे हाडी तजीया शरीर, जौहर जगती जाल में, कूद गई धर धीर, नजर कैद कर नृप ने, भूप भयो बनवीर, दासी...
घनन घननन घंटा बाजे चामुण्डा के द्वार पर भजन लिरिक्स

घनन घननन घंटा बाजे चामुण्डा के द्वार पर भजन लिरिक्स

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घनन घननन घंटा बाजे, चामुण्डा के द्वार पर, रूके यहाँ पर कालरात्रि, चंडमुंड को मार कर, रूके यहाँ पर कालरात्रि, चंडमुंड को मार कर।। निर्मल जल की धारा में, पहले जाकर...
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