देशभक्ति गीत

Patriotic Songs Lyrics

देश उठेगा अपने पैरो निज गौरव के भान से लिरिक्स

देश उठेगा अपने पैरो निज गौरव के भान से लिरिक्स

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देश उठेगा अपने पैरो, निज गौरव के भान से, स्नेह भरा विश्वास जगाकर, जिए सुख सम्मान से।। परावलंबी देश जगत में, कभी ना यश पा सकता है, मृगतृष्णा में मत...
पराक्रमी अध्याय लिखेंगे ले दृढ़ता से ठान जय जय हिन्दुस्तान

पराक्रमी अध्याय लिखेंगे ले दृढ़ता से ठान जय जय हिन्दुस्तान

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पराक्रमी अध्याय लिखेंगे, ले दृढ़ता से ठान, पराक्रमी अध्याय लिखेगे, ले दृढ़ता से ठान, जग बोलेगा हो नत मस्तक, जग बोलेगा हो नत मस्तक, जय जय हिन्दुस्तान, जय जय हिन्दुस्तान, जय जय...
मन कहे रूक जा रे रूक जा यह हसीन है जमीं लिरिक्स

मन कहे रूक जा रे रूक जा यह हसीन है जमीं लिरिक्स

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मन कहे रूक जा रे रूक जा, यह हसीन है जमीं, भारत के जैसी माटी, है कही भी नहीं, अरे मन कहे झुक जा रे झुक जा, यह हसीन...
मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम यह हिन्दूस्तान हमारा लिरिक्स

मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम यह हिन्दूस्तान हमारा लिरिक्स

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मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम, यह हिन्दूस्तान हमारा, था स्वामी जी का नारा, था स्वामी जी का नारा, है उस सपुत की सार्द सती जो, भारत माँ...
मन मस्त फकीरी धारी है अब एक ही धुन जय जय भारत लिरिक्स

मन मस्त फकीरी धारी है अब एक ही धुन जय जय भारत लिरिक्स

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मन मस्त फकीरी धारी है, अब एक ही धुन जय जय भारत।। हम धन्य है इस जगजननी की, सेवा का अवसर है पाया, इसकी माटी वायु जल से, दुर्लभ...
अब जाग उठो कमर कसो मंजिल की राह बुलाती है लिरिक्स

अब जाग उठो कमर कसो मंजिल की राह बुलाती है लिरिक्स

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अब जाग उठो कमर कसो, मंजिल की राह बुलाती है, ललकार रही हमको दुनिया, भेरी आवाज़ लगाती है, अब जाग उठों कमर कसो।। है ध्येय हमारा दूर सही, पर साहस...
दिव्य धरा यह भारती छलक रहा आनंद लिरिक्स

दिव्य धरा यह भारती छलक रहा आनंद लिरिक्स

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दिव्य धरा यह भारती, छलक रहा आनंद, नव सौंदर्य संवारती, शीतल मंद सुगंध, उतारे आरती जय माँ भारती, उतारे आरती जय माँ भारती।। युग युग से अनगिन धाराएँ, सेवा में तेरी, गंगा...
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी हिंदी लिरिक्स

हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी हिंदी लिरिक्स

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हम लोगों को समझ सको तो, समझो दिलबर जानी, जितना भी तुम समझोगे, उतनी होगी हैरानी, अपनी छतरी तुमको दे दे, कभी जो बरसे पानी, कभी नये पैकेट में बेचें, तुमको...
कोटि कोटि हिन्दुजन का हम ज्वार उठा कर मानेंगे

कोटि कोटि हिन्दुजन का हम ज्वार उठा कर मानेंगे

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कोटि कोटि हिन्दुजन का, हम ज्वार उठा कर मानेंगे, सौगंध राम की खाते हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को भव्य बनाएंगे।। भ्रष्टाचार से मुक्त हो भारत, ऐसी अलख जगाएंगे, देश...
कही पर्वत झुके भी है कही दरिया रूके भी है लिरिक्स

कही पर्वत झुके भी है कही दरिया रूके भी है लिरिक्स

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कही पर्वत झुके भी है, कही दरिया रूके भी है, नहीं रूकती रवानी है, नहीं झुकती जवानी है।। गुरू गोबिंद के बच्चे, उमर मे थे अगर कच्चे, मगर थे सिंह...
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