गौरी सूत शंकर लाल विनायक मेरी अरज सुनो भजन लिरिक्स
गौरी सूत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो,
बैठा भागवत महा पूराण,
विनायक मेरी अरज सुनो,
गौरी सुत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो।।
सब देवन मे आप बड़े हो,
तुमको...
गौरी के लाल सुनो कबसे तुझे याद करे भजन लिरिक्स
गौरी के लाल सुनो,
की कबसे तुझे याद करे,
कीर्तन में आ जाओ,
हाय कीर्तन में आ जाओ,
ये तुमसे फरियाद करे,
गौरी के लाल सुनो,
की कबसे तुझे याद...
गजानंद वंदन करते है श्री गणेश वंदना लिरिक्स
गजानंद वंदन करते है,
तर्ज - आज मेरे यार की शादी है।
आज सभा में स्वागत है,
अभिनंदन करते है,
गजानंद वंदन करते है,
गजानंद वंदन करते है,
वंदन करते...
गणराज विनायक आओ म्हारी सभा में रंग बरसाओ प्रकाश माली भजन
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
रणत भवन से आवो नी गजानन,
संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो,
महाराज विनायक...
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि शंकर महादेवन
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि,
गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि,
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि,
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि,
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥
गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने,
गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे,
गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने,
गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय...
पहले तुम्हे मनाये चरणों में सर झुकाये श्री गणेश वंदना
पहले तुम्हे मनाये,
चरणों में सर झुकाये,
गिरिजा के लाल आओ,
बिगड़ी मेरी बनाओ।।
तर्ज - दिल में तुम्हे बिठा के।
हार चढ़ाऊँ देवा,
फूल चढ़ाऊँ,
और चढ़ाऊँ मेवा,
लड्डुवन...
गजानन पूरण काज करो लख्खा जी भजन लिरिक्स
गजानन पूरण काज करो,
सफल हमारा ये आयोजन,
हे महाराज करो,
गजानन पूरण काज करो।।
श्लोक - मंगल करदे,
अमंगल को,
ख़तम कर दे,
हर दंगल को,,
जहाँ हो स्वागत,
श्री गणपति...
गजानन कर दो बेडा पार भजन लिरिक्स
गजानन कर दो बेडा पार,
आज हम तुम्हे मनाते हैं,
तुम्हे मनाते हैं,
गजानन तुम्हे मनाते हैं।।
सबसे पहले तुम्हें मनावें,
सभा बीच में तुम्हें बुलावें,
सभा बीच...
आओ आओ गजानन आओ आके भक्तों का मान बढ़ाओ भजन लिरिक्स
आओ आओ गजानन आओ,
आके भक्तों का मान बढ़ाओ।।
तर्ज - म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ।
आओ आओ गजानन आओ,
आके भक्तों का मान बढ़ाओ।।
ॐ गण गणपतये नमो...
गणपति गजवदन विनायक थाने प्रथम मनावा जी
गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
आना कानी मत ना करीयो,
थारी किरपा चावा जी,
गणपति गजवदन वीनायक,
थाने प्रथम मनावा जी।।
तर्ज – फूल तुम्हे भेजा है खत...