रे मन मूर्ख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताएगा
रे मन मूर्ख कब तक जग में,
जीवन व्यर्थ बिताएगा,
राम नाम नहीं गाएगा तो,
अंत समय पछताएगा।।
जिस जग में तू आया यह,
एक मुसाफिर खाना है,
सिर्फ़ रात...
ये झगड़ा है मोहन हमारा तुम्हारा भजन लिरिक्स
ये झगड़ा है मोहन,
हमारा तुम्हारा,
की अब क्या हुआ बल,
वो सारा तुम्हारा।।
देखे - दशा मुझ दीन की।
जो निज कर्म से होते,
तरने के काबिल,
तो फिर ढूँढते...
रे मन प्रति स्वांस पुकार यही जय राम हरे घनश्याम हरे
रे मन प्रति स्वांस पुकार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे,
तन नौका की पतवार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।
देखे - सीताराम कहो राधेश्याम कहो।
जग में...
ना यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा
ना यूँ घनश्याम तुमको दुःख से,
घबरा कर के छोडूंगा,
जो छोडूंगा तो कुछ मैं भी,
तमाशा कर के छोडूंगा,
ना यूं घनश्याम तुमको दुःख से,
घबरा कर के...
ना जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते है लिरिक्स
ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है।
दोहा - प्रबल प्रेम के पाले पड़कर,
प्रभु को नियम बदलते देखा,
अपना मान टले टल जाये,
पर...
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र कृष्ण भजन लिरिक्स
मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर,
कुछ दीनों के दुःख की लेलो खबर,
ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर।।
mujh par bhi...
ना तो रूप है ना तो रंग है ना तो गुणों की कोई खान...
ना तो रूप है ना तो रंग है,
ना तो गुणों की कोई खान है,
फिर श्याम कैसे शरण में ले,
इसी सोच फिक्र में जान है,
ना...
हे नाथ दयावानों के सिरमौर बता दो भजन लिरिक्स
हे नाथ दयावानों के,
सिरमौर बता दो,
छोडूँ मैं भला आपको,
किस तौर बता दो।।
हाँ शर्त ये कर लो,
की मैं हट जाऊँगा दर से,
अपना सा कृपासिंधु,
कोई और...
क्या वह स्वभाव पहला सरकार अब नहीं है भजन लिरिक्स
क्या वह स्वभाव पहला,
सरकार अब नहीं है,
दीनों के वास्ते क्या,
दरबार अब नहीं है।।
या तो दयालु मेरी,
दृढ़ दीनता नहीं है,
या दीन कि तुम्हें ही,
दरकार अब...
भक्त बनता हूँ मगर अधमों का हूँ सरताज भी भजन लिरिक्स
भक्त बनता हूँ मगर,
अधमों का हूँ सरताज भी,
देखकर पाखंड मेरा,
हंस पड़े ब्रजराज भी।।
कौन मुझसे बढकर पापी,
होगा इस संसार में,
सुन के पापों कि कहानी,
डर गये...