बिलाड़ा में जावणा ने,
आई ने मनावना,
केसर तिलक लगावना जी,
अरे जनम जनम रा पाप कियोडा,
बाण गंगा रे माय नावना जी।।
रोहित दासजी रो रनीयो बेरो,
लागे गनो सुहावना जी,
सांझ सवेरे होवे आरती,
झालर शंख बजावना जी,
बिलाड़ा मे जावणा ने,
आई ने मनावना,
केसर तिलक लगावना जी।।
कल्प वृक्ष री छाया बैठ ने,
आई नाम नित जपना जी,
भाव भक्ति सु देवो परिक्रमा,
मनसा यहाँ फल पावना जी,
बिलाड़ा मे जावणा ने,
आई ने मनावना,
केसर तिलक लगावना जी।।
जीजी मात री पाल जायने,
आई नाम नित जपना जी,
जय माँ अम्बा जय जगदम्बा,
रोज रोज मुख गावना जी,
बिलाड़ा मे जावणा ने,
आई ने मनावना,
केसर तिलक लगावना जी।।
अरे बाण गंगा रो निर्मल पानी,
जीन मे जाकर नावना जी,
अरे राजा बली री जाय भाकरी,
जाकर शिश निवावना जी,
बिलाड़ा मे जावणा ने,
आई ने मनावना,
केसर तिलक लगावना जी।।
बिलाड़ा में जावणा ने,
आई ने मनावना,
केसर तिलक लगावना जी,
अरे जनम जनम रा पाप कियोडा,
बाण गंगा रे माय नावना जी।।
गायक – शंकर टाक जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818