कर सिंघ सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ,
अखियन में नूर बहार लिए,
मोरे अंगना पधारो मोरी माँ,
कर सिंह सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ।।
माथे में बिंदिया,
नाक नथुनिया,
केसर तिलक लगाये,
लाल चुनारिया ओढ़े मैया,
मंद मंद मुस्काये,
गले हार लिए श्रंगार किये,
मोरे अंगना पधारो मोरी माँ,
कर सिंह सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ।।
आँखों में कजरा,
बालो में गजरा,
गले मोतियन को हार,
रूप सलोना लागे मैया,
जग की है तारणहार,
दिल में अपने माँ तू प्यार लिए,
मोरे घर में विराजो मोरी माँ,
कर सिंह सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ।।
एक हाथ में त्रिशूल सोहे,
दूजे हाथ कटार,
भक्त पुकारें आजा मैया,
सिंघ पे होके सवार,
हम आस लिए तेरे द्वार खड़े,
अब दरस दिखा दो मोरी माँ,
कर सिंह सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ।।
कर सिंघ सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ,
अखियन में नूर बहार लिए,
मोरे अंगना पधारो मोरी माँ,
कर सिंह सवारी,
माई लगे प्यारी,
भुवन विराजे मोरी माँ।।
लेखक – नितिन नंदा।
गायिका – शिवानी जी।
8770237330