भोलेनाथ कठे बिराजीया,
दोहा – ध्यान लगायो पहाडा में,
ओर घर बार सब छोड़,
पार्वता वन में एकली,
आवो नन्दी के असवार।
ओ भोले बम-बम भोले,
भोलेनाथ कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में,
भोलेनाथ कठे लगाई इतरी देर,
पार्वता जोवे बाटडली,
भोलेनाथ कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
लेहरी अगडबम लेहरी,
भोलेनाथ भांग गोटावु,
थारे लटीयाली,
भोलेनाथ पावु थाने,
भर-भर प्याला आज,
पार्वता घोटे भांगडली,
ओ शिवजी कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
ओ भोलेनाथ नन्दी री,
असवारी वेगा आवजो,
भोलेनाथ सावन भादवो बरसे जोर,
पार्वता जोवे बाटडली,
ओ शिवजी कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
ओ भोलेनाथ आडावल,
गुफा मे रेवो एकला,
भोलेनाथ सावन मे भरीजे मेलो जोर,
भगतो रे वेला आवजो,
ओ शिवजी कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
ओ लेहरी अगडबम लेहरी,
भोलेनाथ अंग भभुती,
सोवे आपरे,
भोलेनाथ गला माय सोवे कालो नाग,
हाथा मे डमरू सोवनो,
ओ शिवजी कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
भोलेनाथ हर्ष माली री,
सुनजो विनती,
भोलेनाथ गावे गावे किशोर,
चरना माय भगतो रे वेला आवजो,
ओ शिवजी कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
ओ भोले बम-बम भोले,
भोलेनाथ कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में,
भोलेनाथ कठे लगाई इतरी देर,
पार्वता जोवे बाटडली,
भोलेनाथ कठे बिराजीया,
थे तो ध्यान में।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818